Sunday 7 July 2019

बीपीएससी (प्रारंभिक) परीक्षा: ट्रेंड-विश्लेषण पार्ट वन


बीपीएससी (प्रारंभिक) परीक्षा: ट्रेंड-विश्लेषण
पार्ट वन 
65वीं बीपीएससी (PT) परीक्षा ले लिए उपयोगी
प्रारंभिक परीक्षा के स्तर पर बढ़ती मुश्किलें:
बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा 65वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा हेतु विज्ञापन जारी किया जा चुका है ऐसी स्थिति में छात्रों के बीच हलचल बढ़ चुकी है, और वे एक बार फिर से अगली लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं लेकिन, इस क्रम में इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों से वन-डे एग्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों का रुझान बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं कई ओर निरंतर बढ़ रहा है, और इसके कारण कट ऑफ में भी वृद्धि देखने को मिली है जिसके कारण कई बार योग्य छात्र भी प्रारंभिक परीक्षा की बढ़ा को लाँघ कर मुख्य परीक्षा तक पहुँच पाने में असमर्थ रहे हैं; अब यह बात अलग है कि मुख्य परीक्षा की तैयारी को लेकर इनमें गंभीरता का अभाव उस स्तर पर प्रतियोगिता को अपेक्षाकृत आसान बना देता है
समस्या सिर्फ इतनी ही नहीं है। समस्या यह भी है कि महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण ने भी विशेष रूप से पुरुष-प्रतिभागियों के लिए कट ऑफ को बढ़ाने का काम किया है। और, बचा-खुचा काम प्रश्नों को तैयार करने एवं उसके उत्तरों के निर्धारण के क्रम में बीपीएससी द्वारा बरती गयी लापरवाही और पाँचवें विकल्प के रूप में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से सभी’ की मौजूदगी ने कर दिया है। इसके कारण तैयारी शुरू करने वाले छात्रों के सामने ‘क्या करें और क्या न करें’ को लेकर विभ्रम की स्थिति है
इस पृष्ठभूमि में उम्मीद करता हूँ कि आलेखों की यह श्रृंखला आपके लिए उपयोगी साबित होगी और प्रारंभिक परीक्षा की बाधा को पार करने में मददगार साबित होगी।
प्रश्नों का खंडवार ट्रेंड:
प्रारंभिक परीक्षा में 150 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं, और सामान्यतः ये प्रश्न सामान्य अध्ययन की बजाय सामान्य ज्ञान पर कहीं अधिक आधारित होते हैं। शायद यही कारण है कि वन-डे एग्जाम की पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए इस परीक्षा में शामिल हो पाना और सफलता हासिल कर पाना आसान हो जाता है। प्रश्नों की दृष्टि से यदि विभिन्न खण्डों के महत्व को देखें, तो:
1.  इतिहास-खंड से सामान्यतः (40-42) प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें 5-6 प्रश्न प्राचीन भारत से, (6-7) प्रश्न मध्यकालीन भारत से, (18-22) प्रश्न आधुनिक भारत खंड से और करीब-करीब (10-11) प्रश्न बिहार से सम्बंधित पूछे जाते हैं
2.  भारतीय राजव्यवस्था खंड से सामान्यतः (12-13) प्रश्न पूछे जाते हैं
3.  भारतीय अर्थव्यवस्था खंड से सामान्यतः (15-16) प्रश्न पूछे जाते हैं इनमें (10-11) प्रश्न भारतीय अर्थव्यवस्था और (4-5) प्रश्न बिहार की अर्थव्यवस्था से सम्बंधित होते हैं
4.  भूगोल-खंड से औसतन (25-26) प्रश्न पूछे जाते हैं इनमें (18-22) प्रश्न भारत के भूगोल से, (6-7) प्रश्न बिहार के भूगोल से और (2-3) प्रश्न पर्यावरण से सम्बंधित होते हैं  
5.  सामान्य विज्ञान खंड से औसतन 20 प्रश्न पूछे जाते हैं इनमें (13-14) प्रश्न जीव विज्ञान से, (4-5) प्रश्न रसायन विज्ञान से और (3-4) प्रश्न भौतिकी से सम्बंधित होते हैं 64वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में भौतिकी खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी है और इसी के सापेक्ष जीव-विज्ञान खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या कम होकर 7 रह गयी है, पर सावधान रहते हुए इसे अपवाद के रूप में देखा जाना चाहिए  
6.  समसामयिकी खंड से करीब-करीब (25-26) प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें राष्ट्रीय समसामयिकी से (10-12) प्रश्न, अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी से (10-12) प्रश्न और बिहार से सम्बंधित समसायिकी से (4-5) प्रश्न पूछे जाते हैं
7.  बिहार से सम्बंधित कुल-मिलाकर (25-30) प्रश्न पूछे जाते हैं। ये प्रश्न सामान्यतः बिहार के इतिहास,  मुख्य रूप से प्राचीन बिहार एवं आधुनिक बिहार, उसके भूगोल, उसकी अर्थव्यवस्था, और राज्य सरकारों के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों से पूछे जाते हैं
8.  मानसिक योग्यता परीक्षण से सम्बंधित 10 प्रश्न पूछे जाते हैं
9.  अगर इन प्रश्नों की प्रकृति पर गौर करें, तो सामान्यतः ये प्रश्न बहुत गहराई से जाकर नहीं पूछे जाते हैं ये विभिन्न खण्डों और उसके विभिन्न टॉपिकों से सम्बंधित सामान्य जानकारियों के कहीं अधिक करीब होते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि तैयारी की रणनीति इसी के अनुरूप निर्धारित की जाए, और इसी के अनुरूप विभिन्न खण्डों के लिए समय का आवंटन किया जाए। इस पर विस्तार से चर्चा खंडवार की जाएगी।
प्रश्नों का खण्डवार आवंटन

विभिन्न खंड
विभिन्न उपखंड
64वीं पीटी परीक्षा
63वीं पीटी परीक्षा
(60-62)वीं पीटी परीक्षा
(56-59)वीं पीटी परीक्षा
(53-55)वीं वीं पीटी परीक्षा


भारतीय इतिहास
प्राचीन
6
8
4
4
10
मध्यकालीन
6
6
10
4
4
आधुनिक
18
17
20
19
23






बिहार
13
10
6
13
6
भारतीय राजव्यवस्था


12
12
12
1
14
भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत
10
16
12
28
8
बिहार

4
----
4
-----
3


भूगोल
भारत
17
21
21
17
24
बिहार
5
4
6
5
10
पर्यावरण
एवं पारिस्थितिकी
5
---
2
---
1


सामान्य विज्ञान
जीव-विज्ञान
7
4
14
14
10

रसायन
2
13
4
4

भौतिकी

11
3
2
1
2
मानसिक योग्यता परीक्षण

10
10
10
10
10


समसामयिकी  


राष्ट्रीय
5
16
7
10
12
अंतर्राष्ट्रीय
11
9
16
19
12
बिहार
8
1

1
1
कुल प्रश्न



150
150
150
150
150

भारतीय राजव्यवस्था: ट्रेंड विश्लेषण
बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के अंतर्गत भारतीय राजव्यवस्था खंड को उतना महत्व नहीं दिया गया है, जितना मुख्य परीक्षा में। प्रारंभिक परीक्षा में यह महज 8 प्रतिशत के आस-पास प्रश्नों का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन इसका वास्तविक महत्व कहीं अधिक है क्योंकि इस खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति ऐसी होती है, जिन्हें आसानी से और पूरी सटीकता(Accuracy) के साथ हल किया जाया सके। ये प्रश्न भी एक सीमित दायरे से पूछे जाते हैं और वहाँ पर भी कुछ टॉपिक ऐसे हैं जहाँ से प्रश्नों के पूछे जाने की बारम्बारता अपेक्षाकृत अधिक है। अगर ऐसे टॉपिकों की पहचान की जाय, तो ये निम्न हैं:
1.  संविधान एवं प्रस्तावना: संविधान एवं प्रस्तावना से सम्बंधित सामान्य जानकारियाँ, राज्यों की निर्माण-प्रक्रिया।
2.  प्रमुख संविधान-संशोधन: विशेष रूप से महत्वपूर्ण संविधान-संशोधन और अद्यतन संविधान-संशोधन।  
3.  मूलाधिकार, नीति-निदेशक तत्व और मौलिक कर्तव्य: सामान्य जानकारियाँ, नागरिकों एवं विदेशियों को प्राप्त अधिकार, कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद एवं उनसे सम्बंधित संविधान-संशोधन, आरक्षण एवं उनसे सम्बंधित प्रावधान, नए मूलाधिकार, अद्यतन चर्चा में रहने वाले उपबंध
4.  कार्यपालिका से सम्बंधित सामान्य जानकारियाँ: राष्ट्रपति एवं राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, महान्यायवादी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक  
5.  न्यायपालिका: न्यायाधीशों की नियुक्ति, हटाया जाना एवं त्याग-पत्र, अधिकारिता  
6.  संसद: लोकसभा और राज्यसभा की संरचना, अर्हताएँ, स्थानों की रिक्ति, सदस्यता का रद्द होना, दल-बदल अधिनियम, संसदीय विशेषाधिकार, विधेयक एवं अधिनियम, धन-विधेयक और वित्त-विधेयक, लेखानुदान, विनियोग विधेयक, सामान्य विधेयक से संविधान-संशोधन विधेयक की भिन्नता; संसदीय समितियाँ: लोक-लेखा समिति, प्राक्कलन समिति आदि
7.  स्थानीय स्वशासन: विभिन्न समितियाँ और उनके सुझाव, इनसे सम्बंधित संवैधानिक उपबंध, स्थानीय संस्थाओं की अधिकारिता और उनकी वैधानिक स्थिति
8.  विभिन्न संवैधानिक एवं संविधानेतर आयोग: लोक सेवा आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और इसके समकक्ष राज्य आयोग
9.  केंद्र-राज्य सम्बन्ध: वित्त-आयोग, योजना-आयोग, नीति-आयोग, केंद्र-राज्य सम्बन्ध पर गठित विभिन्न आयोग, उनके अध्यक्ष और उनके द्वारा की गयी अनुशंसाएँ
10.         राजभाषा से सम्बंधित विविध प्रावधान: प्रांतीय राजभाषा और संघीय राजभाषा  
11.         राष्ट्रपति-शासन एवं आपात-उपबंध: इससे सम्बंधित विविध संवैधानिक उपबंध
स्रोत-सामग्री:
1.    भारतीय राजव्यवस्था: लक्ष्मीकांत
(इस पुस्तक से चुनिन्दा टॉपिक, और उस टॉपिक के भी चुनिंदा आयाम, जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और जहाँ से प्रश्न पूछे जाते हैं।)  

भारतीय राजव्यवस्था: अबतक पूछे गए प्रश्न का रुझान

64वीं बीपीएससी
63वीं बीपीएससी
(60-62)वीं बीपीएससी
(56-59)वीं बीपीएससी
(53-55)वीं बीपीएससी
(48-52)वीं बीपीएससी
1. पिछड़ी जाति आयोग के अध्यक्ष
2. सीजेआई का त्यागपत्र-सम्बोधित
3. लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति
4. संसद-सदस्यों की नियुक्ति हेतु अर्हता
5. राज्यपाल की नियुक्ति
6. संसद में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण से सम्बंधित
अनुच्छेद
7. संसद और राष्ट्रपति
8. पंचायती-राज और इससे सम्बंधित अनुच्छेद
9. राज्यों का पुनर्गठन
10. केन्द्र-राज्य सम्बंध और सरकारिया आयोग
11. वित्त-आयोग और इससे सम्बंधित अनुच्छेद
12. महान्यायवादी की नियुक्ति

1.पंचायती राज से सम्बंधित समितियाँ
2. स्थानीय स्वशासन की अधिकारिता
3. पंचायती राज से सम्बंधित सूची
4. पंचायती राज-संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण
5. धन-विधेयक की प्रक्रिया
6. भारतीय संविधान की प्रकृति
7. न्यायाधीशों की नियुक्ति-प्रक्रिया
8. राज्यसभा का पदेन सभापति
9. भारतीय प्रधानमंत्री की जवाबदेही
10. संसद-सदस्य हेतु न्यूनतम आयु
11. केन्द्र सरकार में उच्चतम नागरिक अधिकार
12. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति
1. लेखानुदान से आशय
2. भारतीय संविधान दिवस
3.महान्यायवादी और संसदीय कार्यवाही
4. राष्ट्रीय झंडे को फहराना और मूलाधिकार
5. मूलाधिकारों का वर्गीकरण: नागरिकों और विदेशों के लिए
6. पंचायत समितियों की भूमिका
7. संसद में सीटों का ख़ाली होना
8. सातवीं अनुसूची और विभिन्न मदों का वर्गीकरण
9. राज्यों की निर्माण-प्रक्रिया
10. बयालीसवाँ संविधान-संशोधन और प्रस्तावना
11. राष्ट्रपति के अधिकार और उसके प्रयोग का मैकेनिज्म
12. नीति-निर्देशक तत्व
1.विकेन्द्रीकरण की प्रणाली से सम्बद्ध समितियाँ








1.शिक्षा का अधिकार: मानवाधिकार/ मौलिक अधिकार
2.भारतीय संविधान: भाग, अनुच्छेद एवं अनुसूचियाँ
3.राज्यसभा की संरचना
4.संसदीय समितियाँ: लोक-लेखा समितियाँ
5.धन-विधेयक और राज्यसभा की अघिकारिता
6.ग़ैर-नागरिकों को प्रदत्त मूलाधिकार
7.आपात की उद्घोषणा से सम्बंधित अनुच्छेद
8.सर्वोच्च न्यायालय: ऐतिहासिक एवं संवैधानिक तथ्य
9.सरकारों का संवैधानिक प्रमुख
10.त्रिस्तरीय पंचायती-राज और इससे सम्बद्ध समिति
11.पंचायती राज: अशोक मेहता समिति
12.संविधान के लागू होने की तिथि के चयन के कारण
13.शिक्षा का अधिकार और संविधान-संशोधन

1.तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का क्रम
2. राष्ट्रपति की अनुपस्थिति और राष्ट्रपतित्व
3.विधेयक का अधिनियम में परिवर्तित होना
4.उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का त्यागपत्र: सम्बोधित
5.महान्यायवादी और संसद की कार्यवाही
6.मौलिक कर्तव्य और संविधान-संशोधन
7.प्रांतीय राजभाषा की संकल्पना और भारतीय संविधान
8.प्रस्तावना में विभिन्न शब्दों का क्रम
9.राज्यसभा के सभापति और उसकी सदस्यता का प्रश्न
10. राज्यसभा का कार्यकाल
11. मताधिकार की आयु और संविधान-संशोधन
12.पंचायत-समिति और इसकी भूमिका
13.तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का क्रम
14.चालित न्यायालय और उससे सम्बंधित न्यायाधीश       

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