Thursday 23 June 2016

Guess Work For Hindi litt.

                             बिहार लोक सेवा आयोग
                            संभावित प्रश्न
द्वितीय पत्र: पद्य भाग
अ.    कबीर:
a.कबीर की सामाजिक चेतना
b.वर्तमान सन्दर्भ में प्रासंगिकता
c. साधना-पद्धति की मौलिकता
d.कबीर का रहस्यवाद
e.वाणी के डिक्टेटर
f.  कबीर की काव्यात्मकता.
    ब.  सूरदास:
a.       भ्रमरगीत का उद्देश्य और इसका साहित्यिक-दार्शनिक महत्त्व.
b.      सूर की भक्ति
c.       सगुण-निर्गुण विवाद
d.      लोक-संस्कृति और लोक-चेतना
e.       अप्रस्तुत-योजना(बिम्ब,प्रतीक और अलंकार)
f.        भाव-प्रेरित वचन-वक्रता/उपालंभ काव्य.
g.       सहृदयता,भावुकता,चतुरता और वाग्विदग्धता
     स.  निराला:
a.       सरोज-स्मृति में निराला की प्रयोगधर्मिता/ शोक-गीति
b.      सरोज-स्मृति में चित्रित निराला का आत्मसंघर्ष/ प्रगतिवादी चेतना
c.       सरोज का सौंदर्य-चित्रण
d.      सरोज-स्मृति में छायावादी तत्त्व
e.       राम की शक्ति-पूजा – सरोज-स्मृति तुलना
f.        राम की शक्ति-पूजा: महाकाव्यात्मकता
g.       द्वंद्वात्मक ढांचा
h.      शक्ति-पूजा के राम निराला के आत्म-प्रक्षेप के रूप में.
       द. प्रसाद:
a.       कामायनी: एक रूपक के रूप में
b.      कामायनी: आधुनिक प्रयोगशील महाकाव्य के रूप में
c.       कामायनी और नवजागरण
d.      कामायनी और आधुनिक भावबोध
e.      वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कामायनी की प्रासंगिकता
f.        कामायनी का दर्शन
g.       मानव सभ्यता की कहानी के रूप में कामायनी.
   इ.मुक्तिबोध:
a.      ‘अँधेरे में’ का कथ्य
b.      मुक्तिबोध का आत्मसंघर्ष
c.       व्यक्तित्व का विभाजन

द्वितीय पत्र: गद्य भाग

 अ.  गोदान:
a.       गोदान की वर्तमान सन्दर्भ में प्रासंगिकता.
b.      कृषक से मजदूर में रूपांतरण की कथा
c.   कृषक जीवन की त्रासदी के रूप में                                            
d.      गोदान की महाकाव्यात्मकता
e.      गांधीवाद से मोहभंग का परिणाम
f.        चरित्रांकन पद्धति की विशेषता
g.       गोदान का समानांतर-शिल्प/ शहरी कथा का औचित्य  
h.      मेहता-मालती के जरिये नयी जीवन-दृष्टि की तलाश

          ब. अंधेर नगरी:
a.       प्रहसन के रूप में अंधेर नगरी
b.      अंधेर नगरी में अभिव्यक्त भारतेंदु का युगबोध
c.       अंधेर नगरी में अभिव्यक्त नवजागरणपरक चेतना/ प्रतिपाद्य/मूल सन्दे
d.      अंधेर नगरी की अभिनेयता.
e.      वर्तमान सन्दर्भ में प्रासंगिकता
f.        नाट्य-तत्वों के आधार पर अंधेर नगरी का मूल्याङ्कन

           स. चन्द्रगुप्त:
a.       राष्ट्रीय-सांस्कृतिक चेतना
b.      नायकत्व का प्रश्न
c.       स्वच्छंदतावादी तत्व
d.      इतिहास और कल्पना
e.      प्रसाद के नारी-पात्र.
f.        अभिनेयता.

                     द. प्रेमचंद की कहानियां
a.       कहानी-कला के आधार पर प्रेमचंद की कहानी का मूल्याङ्कन
b.      प्रेमचंद की कहानियों में अभिव्यक्त यथार्थवाद का स्वरुप
c.       प्रेमचंद की कहानियां और दलित-जीवन का यथार्थ

हिंदी साहित्य का इतिहास:

1.         आदिकाल:

a.       विद्यापति: भक्त या श्रृंगारी कवि

b.       पदावली और विद्यापति की भक्ति-भावना

c.        सिद्ध-नाथ साहित्य की साहित्यिकता

d.       रासो काव्य की प्रवृत्तियां और विशेषताएं  

2.         भक्तिकाल:
a.       भक्ति आन्दोलन के प्रेरणा-स्रोत

b.       भक्ति आन्दोलन और इस्लाम

c.        संत काव्यधारा की प्रवृत्तियां और विशेषताएं
 
d.       कृष्णभक्ति काव्यधारा की प्रवृत्तियां और विशेषताएं 

e.       तुलसी की समन्वयवादी चेतना

f.        भक्तिकाव्य में अभिव्यक्त लोकधर्म का स्वरुप

g.        भक्तिकाव्य के सामंत-विरोधी मूल्य



3.         रीतिकाल:
a.       रीतिकाल की प्रवृत्तियां और विशेषताएं
b.      घनानंद की काव्यगत विशेषताएं/रीतिमुक्त काव्यधारा  
c.       रीति-निरूपक आचार्यों की मौलिकता

4.         आधुनिक काल:
a.       भारतेंदु युग

b.       द्विवेदी युग

c.        छायावाद: स्वच्छन्दतावाद, रहस्यवाद, स्थूल के खिलाफ सूक्ष्म का विद्रोह, रूपगत वैशिष्ट्य

d.       प्रगतिवाद: रूपाभ पत्रिका

e.       प्रयोगवाद: तारसप्तक

f.        नयी कविता  

g.       अकविता

h.       जनवादी कविता

i.         समकालीन कविता

5.         आलोचना:
a.       आलोचक  रामचंद्र शुक्ल

b.       आलोचक रामविलास शर्मा

c.        आलोचक नामवर सिंह

d.       आलोचक नागेन्द्र

e.       नयी समीक्षा

6.         हिंदी गद्य:

a.       समस्या नाटक

b.       व्यवस्था-विरोधी नाटक

c.        नुक्कड़ नाट्यांदोलन

d.       समकालीन नाटक और रंगमंच

e.       रेखाचित्र एवं संस्मरण

f.        आंचलिक उपन्यास और रेणु एवं नागार्जुन

g.       हिंदी उपन्यास और यथार्थवाद

h.       हिंदी कहानी और यथार्थवाद

i.         हिंदी साहित्य में दलित-विमर्श 

j.         नयी कहानी

k.       ललित निबंध और आचार्य द्विवेदी


हिंदी भाषा खंड :

1.      अपभ्रंश, अवहट्ट और प्रारंभिक हिंदी : रूपगत एवं स्वरूपगत वैशिष्ट्य. अंतर्संबंध

2.      अवधी,ब्रजभाषा एवं खड़ी बोली : साहित्यिक भाषा के रूप में विकास, अंतर, हिंदी के विकास में योगदान

3.      देवनागरी लिपि: वैज्ञानिकता,दोष,सुधार के प्रयास और मानकीकरण

4.      भाषा-बोली, ध्वनि-लिपि

5.      मैथिली, भोजपुरी, मगही

6.      हिंदी भाषा का कंप्यूटरीकरण, मानकीकरण, मानक हिंदी की व्याकरणिक संरचना

7.      राजभाषा,राष्ट्रभाषा और संपर्कभाषा: अंतर्संबंध, राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान राष्ट्रभाषा हिंदी का विकास, संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का विकास.



नोट: बैंगनी कलर वाले टॉपिक अधिक महत्त्वपूर्ण हैं.