Sunday, 9 September 2018

बीपीएससी सामान्य अध्ययन: ट्रेंड-विश्लेषण एवं रणनीति पार्ट थ्री (भारतीय अर्थव्यवस्था)


  भारतीय अर्थव्यवस्था: ट्रेंड-विश्लेषण और रणनीति (BPSC)

बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा में भारतीय अर्थव्यवस्था खंड से प्रश्न सामान्य अध्ययन द्वितीय पत्र में भूगोल के साथ पूछे जाते हैं। इस दृष्टि से देखा जाय, तो भूगोल एवं अर्थव्यवस्था खंड से कुल मिलाकर चार प्रश्न पूछे जाते हैं लेकिन, वास्तव में अर्थव्यवस्था खंड का महत्व उससे कहीं अधिक है, जितना यह दिखता है। कारण यह कि कई बार सामान्य अध्ययन प्रथम पत्र में करेंट सेक्शन के अंतर्गत भी अर्थव्यवस्था से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। उदाहरण के रूप में 60-62वीं मुख्य परीक्षा को लिया जा सकता है जिसमें करेंट सेक्शन के अंतर्गत दो प्रश्न अर्थव्यवस्था खंड से सम्बंधित थे 53-55वीं मुख्य परीक्षा में भी 13वें वित्त आयोग और विश्व व्यापर संगठन के कृषि करार पर दो प्रश्न करेंट सेक्शन के अंतर्गत पूछे गए थे।
प्रश्नों की प्रकृति:
जहाँ तक अर्थव्यवस्था खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति का प्रश्न है, तो कुछ समय पहले तक पारंपरिक प्रकृति वाले प्रश्नों की ओर रुझान कहीं अधिक था, यद्यपि समसामयिक परिदृश्य से भी प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। ऐसे प्रश्न सामान्यतः कृषि, गरीबी, बेरोजगारी और जनांकिकी से सम्बंधित होते थे। पर, हाल में समसामयिक परिदृश्य से सम्बद्ध प्रश्नों को पूछने की प्रवृति तेज़ हुई है। यहाँ तक कि पारंपरिक प्रतीत होने वाले टॉपिकों से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति में भी बदलाव देखे जा सकते हैं। उदाहरण के रूप में 60-62वीं मुख्य परीक्षा के दौरान पूछे गए बेरोजगारी से सम्बंधित इस प्रश्न को देखें:
1.  भारत में दीर्घकालिक रोजगार-नीति का मुख्य मुद्दा रोजगार प्रदान करना नहीं, वरन् श्रम-शक्ति की रोजगार-क्षमता को बढ़ाना है। इस कथन का विवेचन गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं प्रशिक्षण के मार्फ़त ज्ञान एवं दक्षता के विकास के विशेष सन्दर्भ में कीजिये। देश में सन् 2000 के बाद क्षेत्रवार रोजगार-सृजन की प्रवृत्तियों एवं फलितार्थों को भी समझाइए।
इस प्रश्न का वैशिष्ट्य इस बात में भी है कि इसमें बेरोजगारी एवं रोजगार-सृजन के प्रश्न को कौशल-विकास के प्रश्न से परोक्षतः सम्बद्ध करके देखा गया है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि बिना अपडेशन एवं बिना विस्तृत समझ के ऐसे प्रश्नों को टैकल कर पाना मुश्किल है। इसी प्रकार 56-59वीं मुख्य परीक्षा के दौरान जनांकिकी से सम्बंधित इस प्रश्न को देखें:
2.  जनांकिकी लाभांशक्या है? आर्थिक संवृद्धि पर इसके प्रभाव को स्पष्ट करें
इसीलिए रुझानों में आने वाले इन बदलावों की अनदेखी करते हुए तैयारी के लिए पारंपरिक पैटर्न और पारंपरिक रणनीति को अपनाना खतरे से खाली नहीं है। हाँ, कृषि, वैश्वीकरण एवं WTO से सम्बंधित प्रश्न पारंपरिक प्रकृति के ज़रूर रहे हैं, लेकिन यहाँ पर भी 60-62वीं मुख्या परीक्षा में पूछे गए इस प्रश्न के जरिये बदलावों को सहज ही लक्षित किया जा सकता है:
3.  भारतीय कृषि में संवृद्धि एवं उत्पादकता की प्रवृत्तियों की व्याख्या कीजिये। देश में उत्पादकता में सुधार लाने और कृषि आय को बढ़ाने के उपाय भी सुझाइए।
इस प्रश्न के दूसरे हिस्से का सम्बन्ध कहीं--कहीं किसानों की आय दोगुनी किये जाने के लिए चल रहे विमर्श से जाकर जुड़ता है। अगर परीक्षार्थी इस विमर्श से वाकिफ हैं, तो वे इस प्रश्न के साथ न्याय कर पाने की स्थिति में होंगे, अन्यथा नहीं। लेकिन, अबतक क्षेत्रीय नियोजन, आयोजन और वित्त आयोग से सम्बंधित जितने भी प्रश्न पूछे गए हैं, वे पारंपरिक प्रकृति के भी हैं और डायनामिक प्रकृति के भी। इसलिए इन दोनों टॉपिकों को पारम्परिक रूप से भी तैयार करने की ज़रुरत है और इनके अपडेशन की भी ज़रूरत है। साथ ही, इस खंड की तैयारी करते वक़्त इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कई बार ऐसे प्रश्न बिहार के विशेष सन्दर्भ से जोड़कर पूछे जाते हैं। इसीलिए मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की तैयारी की रणनीति भी इसी के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित होनी चाहिए।
60-62वीं मुख्य परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के ट्रेंड-विश्लेषण:
जहाँ तक 60-62वीं मुख्य परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के रुझानों का प्रश्न है, यह अर्थव्यवस्था खंड के बढ़ते हुए दायरे के साथ-साथ अपडेशन के बढ़ते हुए दबाव का भी संकेत लेकर आता है। अर्थव्यवस्था से सम्बंधित जो दो प्रश्न करेंट सेक्शन में पूछे गए हैं, वे इसी तथ्य की ओर इशारा करते हुए आते हैं:
4.  विमुद्रीकरण योजना को स्पष्ट कीजिये। आपके विचारों में यह योजना किस हद तक सफल या असफल रही? बिहार सरकार की शराब-प्रतिबन्ध नीति पर इसके क्या प्रभाव पड़े?
5.  जी.एस.टी. क्या है? भारत में इसके परिचय के पीछे क्या कारण थे? भारत की अर्थव्यवस्था एवं मौद्रिक नीति पर इसके क्रियान्वयन से क्या लाभ एवं नुकसान हुए?
यहाँ पर विमुद्रीकरण से सम्बंधित प्रश्न को जिस तरह बिहार सरकार की शराब-प्रतिबन्ध की नीति से सम्बद्ध किया गया है, उसे तबतक नहीं समझा जा सकता है जबतक विमुद्रीकरण एवं शराब-प्रतिबन्ध की नीति की समझ न हो और ज़मीनी धरातल पर इसके क्रियान्वयन से परीक्षार्थी वाकिफ न हों। इसी प्रकार 60-62वीं मुख्य परीक्षा के दौरान अर्थव्यस्था खंड में सब्सिडी पर आधारित जो प्रश्न पूछे गए हैं और यह अपेक्षा की गयी है कि परीक्षार्थी उसे हालिया प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में लिखें, उसका इशारा भी इसी ओर है:
6.  भारत में सार्वजानिक वस्तु-अनुदान, मेरिट वस्तु-अनुदान और नन-मेरिट वस्तु अनुदानों से आपका क्या तात्पर्य है? देश में उर्वरक, खाद्य एवं पेट्रोलियम अनुदानों की समस्या तथा हाल ही की प्रवृत्तियों को समझाइए।
इसी तरह 60-62वीं मुख्य परीक्षा के दौरान विकेन्द्रीकृत नियोजन पर पूछे गए इस प्रश्न को देखें:
7.  हाल की अवधि में पंचायत व्यवस्था के सशक्तीकरण के माध्यम से विकेन्द्रित नियोजन भारत की आयोजन का केंद्र-बिंदु रहा है। इस कथन को समझाते हुए समन्वित प्रादेशिक विकास-नियोजन की एक रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये। संविधान के 73-74वें संशोधन के बाद भारत में विकेन्द्रित नियोजन के परिदृश्य का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
इस प्रश्न का सम्बन्ध सीधे-सीधे नीति आयोग के गठन और इसकी पृष्ठभूमि में विकेन्द्रीकृत आयोजन के एजेंडे से जाकर जुड़ता है जिसके लिए उपयुक्त संस्थागत मैकेनिज्म का विकास न हो पाना पिछले ढ़ाई दशकों के दौरान स्थानीय स्वशासन की दिशा में की गयी पहलों की विफलता का स्मारक भी है और वर्तमान सरकार की विफलता का स्मारक भी यहाँ पर विकेन्द्रीकृत आयोजन को जिस प्रकार समन्वित प्रादेशिक विकास-नियोजन से सम्बद्ध किया गया है, वह इन्टर डिसिप्लिनरी एप्रोच के विकास की आवश्यकता की ओर इशारा करता है जिसके बिना प्रश्न की ज़रूरतों को पूरा कर पाना मुश्किल होगा    
अबतक पूछे गए प्रश्न
(56-59)th         
  BPSC
  (53-55)th         
   BPSC
  (48-52)th         
    BPSC
  47th BPSC       
    46th   
   BPSC       
1. जनांकिकी लाभांश’ क्या है? आर्थिक संवृद्धि पर इसके प्रभाव को स्पष्ट करें
2.भारत में ‘कृषि-विपणन’ का वर्णन कीजिए एवं ‘कृषि विपणन व्यवस्था’ की कमजोरियों को बताये कृषि उपज विपणन व्यवस्था में सुधार की दृष्टि से बिहार सरकार द्वारा क्या उपाय किये गये हैं?
3.क्षेत्रीय विकास से क्या तात्पर्य है? बिहार के आर्थिक विकास में क्षेत्रीय नियोजन कहाँ तक सफल रहा है? विवेचना करें 
4.एक सुनिश्चित एवं संगठित स्थानीय स्तर की शासन-प्रणाली के अभाव में पंचायतें एवं समितियाँ मुख्यतः राजनीतिक संस्थाएँ  बनी रहती हैं और शासन-प्रणाली की उपकरण नहीं बन पाती हैं आलोचनात्मक समीक्षा कीजिये
1.“कृषि-विविधता
एवं जैव कृषि भारत में खाद्द्य संरक्षण के अच्छे विकल्प हैबिहार के विशेष सन्दर्भ में इसकी आलोचनात्मक विवेचना करें
2.भारत सरकार के 13वें वित्त आयोग की मुख्य सिफारिशों की चर्चा करें
3.बिहार राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों की बिगड़ती हुई परिस्थिति को समझाये
4.विश्व व्यापार संगठन के मुख्य करारों को समझाये. कृषि के करारों की विस्तृत चर्चा करें
1.सरकार अपनी पंचवर्षीय योजनाओं से बिहार में गरीबी हटाने में किस हद तक सफल रही है?
2.“हरित क्रांति ने भारत में अनाज उत्पादन को बढाया है परन्तु इसने अनेक पर्यावर्णीय समस्याएं उत्पन्न कर दी है” इसकी व्याख्या उचित उदाहरण सहित दे
3.आप कहाँ तक सहमत हैं कि जनसंख्या का अधिक घनत्व भारत में गरीबी का मुख्य कारण है?
4.वैश्वीकरण का भारत की सामजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है? लिखे
1.11वींपंचवर्षीय योजना में समावेशी संवृद्धि” क्या है? योजना आयोग द्वारा इसे प्राप्त करने के लिए क्या रणनीति अपनाई गयी है?
2.“निर्धनता मानव-जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रहने का मामला है” समझाए और इसे कम करने के उपाय बताये
3.“भारत-निर्माण योजना” क्या है? भारत में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने में इसकी भूमिका को समझाए
1.बिहार में विभिन्न कृषि उपजों की प्रति हेक्टेयर उत्पादन स्थिर क्यों है? इनके आधारभूत कारणों और उन्हें दूर करने के महत्वपूर्ण उपायों को समझाये
2.10वीं पंचवर्षीय योजना के आधारभूत उद्देश्य क्या हैं? इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गयी रणनीति को समझाये
3.भारत में UPA सरकार की ‘सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम क्या है? भारत में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने में इनकी भूमिका को समझाये
4. भारत में बेरोजगारी की समस्या की प्रकृति क्या है? क्या आप सोचते हैं कि राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम निर्धनों की निर्धनता और बेरोजगारी की समस्या को हल कर सकेगा?

मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक:
पिछले पाँच वर्षों के दौरान इस खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों और इस वर्ष परिक्षा के पैटर्न में किये जाने वाले बदलावों के आलोक में देखा जाय, तो अर्थव्यवस्था खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1.  सामाजिक एवं आर्थिक विकास
2. आयोजन, नीति आयोग और वित्त आयोग  
3. कृषि, उद्योग एवं व्यापार
4. सार्वजनिक वित्त
सामाजिक एवं आर्थिक विकास के अंतर्गत जीडीपी आकलन विधि में संशोधन, ग़रीबी, बेरोज़गारी, समावेशी विकास, सतत् विकास, जनांकिकीय लाभांश, कौशल विकास तथा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समावेशन से संबंधित सरकारी योजनाएँ एवं कार्यक्रम शामिल हैं।
आयोजन, नीति आयोग और वित्त आयोग के अंतर्गत स्वतंत्र भारत के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योजना आयोग की भूमिका का मूल्यांकन, योजना आयोग-नीति आयोग तुलना, नीति आयोग का गठन, तीन वर्षीय विज़न डॉक्यूमेंट, नीति आयोग की भूमिका का मूल्यांकन, चौदहवाँ वित्त आयोग, पन्द्रहवें वित्त आयोग का गठन और इसका बिहार के विकास पर असर आदि महत्वपूर्ण हैं।
भारत और बिहार की कृषि के अंतर्गत बिहार में भूमि-सुधार, भूमि-अधिग्रहण विवाद, कृषि-अर्थव्यवस्था में स्थिरता, दूसरी हरित-क्रांति एवं पहली हरित-क्रांति के सबक़, आर्थिक उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के आलोक में कृषि-क्षेत्र, कृषि-संकट, कृषक-आत्महत्या का बढ़ता रुझान, कृषि ऋण-माफ़ी, कृषि वित्त का गैर-कृषि कार्यों में उपयोग से सम्बंधित विवाद, किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति, नई ऊर्वरक सब्सिडी नीति, नई यूरिया नीति, कृषि-प्रसंस्करण एवं खाद्य-प्रसंस्करण, कृषि-क्षेत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ, जलवायु-परिवर्तन एवं भारतीय कृषि, कृषि-क्षेत्र का विकास एवं जेनेटिकली मॉडिफाइड क्रॉप्स, बिहार में कृषि-क्षेत्र के विकास की रणनीति एवं इसके समक्ष मौजूद चुनौतियाँ आदि महत्वपूर्ण है।
आर्थिक एवं औद्योगिक नीति के अंतर्गत आर्थिक उदारीकरण और पिछले ढ़ाई दशकों के दौरान इसकी उपलब्धियों का मूल्यांकन, उद्योग के अंतर्गत लघु उद्योगों का योगदान एवं महत्व, बिहार में कृषि-आधारित उद्योगों की संभावनाएँ आदि महत्वपूर्ण हैं। सरकारी योजनाएँ एवं कार्यक्रम के अंतर्गत जन-धन स्कीम, स्वच्छ भारत मिशन, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया: स्टैंड अप इंडिया आदि शामिल हैं।
व्यापार एवं निवेश के अंतर्गत वैश्वीकरण, विवैश्वीकरण(Deglobalisation), विश्व व्यापार संगठन, ट्रिप्स समझौता, मुक्त व्यापार समझौता, नवीन पंचवर्षीय व्यापार नीति (2015-20), वैश्विक व्यापार-युद्ध (Trade War), कमजोर होता रुपया, तेल की बढ़ती कीमतें और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर आदि टॉपिक महत्वपूर्ण हैं।
सार्वजनिक वित्त के अंतर्गत वस्तु एवं सेवा कर, सब्सिडी रिफॉर्म, प्रत्यक्ष नकदी अंतरण, शराबबन्दी एवं इसका बिहार के वित्त पर प्रभाव, चौदहवाँ वित्त आयोग, पंद्रहवें वित्त आयोग का गठन एवं इससे सम्बंधित विवाद, राजकोषीय संघवाद आदि महत्वपूर्ण हैं।
स्रोत-सामग्री:
1.  सार्थक भारतीय अर्थव्यवस्था एवं भूगोल: कुमार सर्वेश एवं संजय कुमार सिंह  
60-63वीं BPSC (मुख्य) परीक्षा में पूछे गए प्रश्न:
1.  भारत में दीर्घकालिक रोजगार-नीति का मुख्य मुद्दा रोजगार प्रदान करना नहीं, वरन् श्रम-शक्ति की रोजगार-क्षमता को बढ़ाना है। इस कथन का विवेचन गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं प्रशिक्षण के मार्फ़त ज्ञान एवं दक्षता के विकास के विशेष सन्दर्भ में कीजिये। देश में सन् 2000 के बाद क्षेत्रवार रोजगार-सृजन की प्रवृत्तियों एवं फलितार्थों को भी समझाइए।
2.  भारतीय कृषि में संवृद्धि एवं उत्पादकता की प्रवृत्तियों की व्याख्या कीजिये। देश में उत्पादकता में सुधार लाने और कृषि आय को बढ़ाने के उपाय भी सुझाइए।
3.  हाल की अवधि में पंचायत व्यवस्था के सशक्तीकरण के माध्यम से विकेन्द्रित नियोजन भारत की आयोजन का केंद्र-बिंदु रहा है। इस कथन को समझाते हुए समन्वित प्रादेशिक विकास-नियोजन की एक रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये। संविधान के 73-74वें संशोधन के बाद भारत में विकेन्द्रित नियोजन के परिदृश्य का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
4.  भारत में सार्वजानिक वस्तु-अनुदान, मेरिट वस्तु-अनुदान और नन-मेरिट वस्तु अनुदानों से आपका क्या तात्पर्य है? देश में उर्वरक, खाद्य एवं पेट्रोलियम अनुदानों की समस्या तथा हाल ही की प्रवृत्तियों को समझाइए।
5.  विमुद्रीकरण योजना को स्पष्ट कीजिये। आपके विचारों में यह योजना किस हद तक सफल या असफल रही? बिहार सरकार की शराब-प्रतिबन्ध नीति पर इसके क्या प्रभाव पड़े?
6.  जी.एस.टी. क्या है? भारत में इसके परिचय के पीछे क्या कारण थे? भारत की अर्थव्यवस्था एवं मौद्रिक नीति पर इसके क्रियान्वयन से क्या लाभ एवं नुक्सान हुए?

स्रोत-सामग्री:
सार्थक बीपीएससी मुख्य परीक्षा सीरीज पार्ट थ्री: सार्थक भारतीय अर्थव्यवस्था एवं भूगोल: कुमार सर्वेश एवं संजय कुमार सिंह 


3 comments:

  1. कोई किताब भी आप लानेवाले हैं।अगर हाँ तो कब तक?कृपया अवगत कराएं

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  2. बीपीएससी सामान्य अध्ययन के लिए निकली गयी सीरीज का भाग 1: भारतीय इतिहास, कला एवं संस्कृति; भाग 2: भारतीय राजव्यवस्था और भाग तीन: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं भूगोल बाज़ार में उपलब्ध है. समसामयिकी एवं विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित चौथा भाग अक्टूबर,2018 तक उपलब्ध होगा.

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  3. ghar aithe taiyari krne walo ke liye plz kuchh notes banane. ka tarika bataye sir plz

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