Sunday, 31 January 2016

"अनुपम खेर : आप तो ऐसे न थे"

""अनुपम खेर जी, आपसे ये उम्मीद नहीं थी. आपने तो शासन करने की मोदी जी की क्षमता पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया। अल्पसंख्यक मुसलमान  तो पहले से ही अपनी असुरक्षा सम्बन्धी चिंताओं को अभिव्यक्ति दे रहे थे , अब बहुसंख्यक हिन्दुओं को भी असुरक्षा का अहसास होने लगा। 
                                                 आपने तो उन  लोगों को भी दुविधा में डाल दिया जो कल तक आमिर और शाहरुख को असहिष्णुता और असुरक्षा सम्बन्धी अहसासों की अभिव्यक्ति के कारण देशद्रोही की संज्ञा दे रहे थे और पाकिस्तान भेजने की बात कर रहे थे।  मेरी चिंता यह है की अगर कहीं वो आपको नेपाल भेजने लगे, तो फिर आपकी समस्याएं और बढ़ जाएँगी क्योंकि वोहन की स्थिति आजकल ठीक नहीं है।  भारत और भारतियों के नाम पर ही नेपाली भड़क जा रहे हैं।  हाँ, अगर मधेशी बहुल इलाके में भेंजे , तो थोड़ी राहत होगी।                                                                                    
                                                  पर, घबराएँ नहीं, हम सब आपके साथ हैं।असुरक्षा के आपके अहसास को दूर करने और आपकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की हरसंभव कोशिश करूँगा ।  मैं मोदी सरकार से यह मांग करता हूँ कि आपकी हरसंभव सुरक्षा सुनिश्चित की जाये और असुरक्षा के आपके एहसास को दूर करने के लिए उचित कदम उठाये जायें।  अगर ज़रुरत पड़ी,तो धर्मनिरपेक्षों और तथाकथित धर्मनिरपेक्षों को दण्डित भी किया जाये। इसके लिए अगर ज़रुरत पड़े ,तो आपको भारत-रत्न भी ऑफर किया जाये। वैसे आप चाहें तो इसके विरोध में आप अपना पद्म भी  वापस   कर सकते   हैं। आपके इस संघर्ष में मैं आपके साथ हूँ। ""

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