Tuesday, 12 January 2016

बीपीएससी मुख्य परीक्षा ट्रेंड एनालाइसिस पार्ट थ्री: भूगोल एवं अर्थव्यवस्था खंड

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भूगोल एवं अर्थव्यवस्था खंड
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बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में भूगोल एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रश्नों को एक ही खंड में रखा गया है। सामान्यत: इस खंड से जो भी प्रश्न पूछे जाते हैं, उनके आधार पर निम्न बातें कही जा सकती हैं:
A. भारत एवं बिहार का भूगोल:
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भूगोल खंड से प्रश्न सामान्यत: तीन हिस्सों से पूछे जाते हैं:
1. भौतिक एवं पर्यावरण-भूगोल
2. आपदा और आपदा-प्रबंधन
3. मानव एवं आर्थिक भूगोल
भौतिक एवं पर्यावरण भूगोल के अंतर्गत
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प्राकृतिक विविधता,मानसून, मौसम-पूर्वानुमान, जल-संसाधन प्रबंधन, राष्ट्रीय जल नीति-2012,वायु-प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, लीमा एवं पेरिस सम्मेलन आदि महत्वपूर्ण हैं।
आपदा और आपदा-प्रबंधन के अंतर्गत
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प्राकृतिक आपदा,बाढ़, सूखा,भूकम्प और चेन्नई आपदा आदि को विशेष रूप से तैयार करें। इसके कारण और प्रभाव, विशेष रूप से मानव निर्मित पक्ष तथा बिहार को तैयार करें।
मानव एवं आर्थिक भूगोल के अंतर्गत
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जनगणना-2011, कन्या भ्रूण-हत्या,शहरीकरण-प्रबंधन,स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अमृत परियोजना, सौर ऊर्जा एवं इसके संदर्भ में हाल की प्रगति(बिहार के विशेष संदर्भ में), ठोस कचरा-प्रबंधन आदि टाॅपिक महत्वपूर्ण हैं।
B. भारतीय अर्थव्यवस्था :
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अर्थव्यवस्था खंड से पूछे जाने वाले प्रश्नों को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. सामाजिक एवं आर्थिक विकास
2. आयोजन 
3. कृषि,उद्योग एवं व्यापार
4. सार्वजनिक वित्त
सामाजिक एवं आर्थिक विकास के अंतर्गत 
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जीडीपी आकलन विधि में संशोधन, ग़रीबी, बेरोज़गारी,समावेशी विकास, सतत् विकास, जनांकिकीय लाभांश तथा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समावेशन से संबंधित सरकारी योजनाएँ एवं कार्यक्रम शामिल हैं।
सरकारी योजनाएँ एवं कार्यक्रम के अंतर्गत जनधन स्कीम, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन-ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ:बेटी पढ़ाओ,स्वच्छ भारत मिशन आदि शामिल हैं।
आयोजन के अंतर्गत
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बारहवीं पंचवर्षीय योजना, आयोजन एवं समावेशी विकास,स्वतंत्र भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में योजना आयोग की भूमिका का मूल्याँकन, आयोजन की प्रासंगिकता, योजना आयोग-नीति आयोग तुलना,नीति आयोग के गठन का औचित्य, नीति आयोग: विविध पक्ष, विशेष राज्य के दर्जे की समाप्ति का प्रश्न और बिहार, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि(BRGF) की समाप्ति और इसका बिहार के विकास पर असर आदि महत्वपूर्ण हैं।
कृषि,उद्योग एवं व्यापार के अंतर्गत
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बिहार में भूमि-सुधार, भूमि-अधिग्रहण विवाद,कृषि अर्थव्यवस्था में िस्थरता ,दूसरी हरित क्रांति एवं पहली हरित क्रांति के सबक़ , नई ऊर्वरक सब्सिडी नीति, नई यूरिया नीति, कृषि क्षेत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ, कृषि क्षेत्र का विकास एवं जेनेटिकली माॅडिफाइड क्राॅप्स, किसानों की बढ़ती आत्महत्या , आर्थिक उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के आलोक में कृषि क्षेत्र, बिहार में कृषि क्षेत्र के विकास की रणनीति एवं इसके समक्ष मौजूद चुनौतियाँ आदि महत्वपूर्ण है।
उद्योग के अंतर्गत लघु उद्योगों का योगदान एवं महत्व, बिहार में कृषि आधारित उद्योगों के की संभावनाएँ, राष्ट्रीय विनिर्माण नीति-2011, मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया: रक्षा क्षेत्र का विशेष संदर्भ, खाद्य प्रसंस्करण आदि महत्वपूर्ण हैं।
व्यापार के अंतर्गत नवीन पंचवर्षीय व्यापार नीति (२०१५-२०), विश्व व्यापार संगठन: दोहा दौर एवं नैराबी सम्मेलन,२०१५; ट्रिप्स विवाद आदि टाॅपिक महत्वपूर्ण हैं।
सार्वजनिक वित्त के अंतर्गत
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वस्तु एवं सेवा कर : संबंधित विवाद,सातवें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें एवं इसका सार्वजनिक वित्त पर प्रभाव, चौदहवाँ वित्त आयोग, तेरहवें वित्त आयोग से तुलना आदि महत्वपूर्ण हैं।
स्रोत-सामग्री:
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१. सार्थक बिहार मुख्य परीक्षा सामान्य
अध्ययन स्पेशल: कुमार सर्वेश, संजय कुमार
सिंह एवं अन्य।
२. भारतीय अर्थव्यवस्था : कुमार सर्वेश
सार्थक प्रकाशन

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