Wednesday 16 December 2015

बीपीएससी मेन्स स्पेशल भारतीय राजव्यवस्था

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भारतीय राजव्यवस्था 
बीपीएससी मेन्स स्पेशल
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प्रश्नों की प्रवृत्ति:
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बीपीएससी मुख्य परीक्षा में भारतीय राजव्यवस्था खंड से जो प्रश्न पूछे जाते हैं, वे सामान्यत: इस खंड की व्यापक समझ और अवधारणाओं के साथ-साथ एप्लीकेशन पर आधारित होते हैं। साथ ही, इसके लिए अपडेशन की भी ज़रूरत होती है। इनकी तैयारी करते वक़्त इन पहलुओं के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि कई बार ऐसे प्रश्नों को बिहार के विशेष संदर्भों से भी जोड़कर पूछा जाता है।
महत्वपूर्ण टाॅपिक:
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सबसे पहले भारतीय संविधान की प्रस्तावना को लिया जाय। यहाँ से सामान्य प्रकृति के यह प्रश्न पूछे जा सकते हैं कि:
"भारतीय संविधान में प्रस्तावना के महत्व को रेखांकित करते हुए इसकी वैधानिक िस्थति को स्पष्ट करें।" 
लेकिन,हाल में प्रस्तावना जिस तरह से चर्चा में रही है, उसके मद्देनज़र इस प्रश्न के पूछे जाने की संभावना प्रबल है कि:
" 'पंथनिरपेक्षता' और 'धर्मनिरपेक्षता' के फ़र्क़ को स्पष्ट करें। साथ ही,बयालीसवें संविधान-संशोधन द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 'पंथनिरपेक्षता' और 'समाजवाद' शब्द को शामिल करने के औचित्य के प्रश्न पर विचार करते हुए बतलाइए कि क्यों नहीं इन्हें प्रस्तावना से हटा दिया जाए?"
यहाँ से भारतीय राज्य की समाजवादी एवं धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को आधार बनाकर भी प्रश्न पूछे जाने की संभावना बनती है।प्रस्तावना से ही सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय महत्वपूर्ण टापिक है जो पूरे बिहार चुनाव के दौरान चर्चा में रहा है।
प्रस्तावना के बाद मौलिक अधिकार,नीति निदेशक तत्व तथा मौलिक कर्तव्य दूसरा महत्वपूर्ण टाॅपिक है जहाँ से प्रश्न की संभावना बनती है। यहाँ से सामाजिक न्याय से जुड़े हुए पहलू से प्रश्न पूछे जाने की पूरी सम्भावना है। आरक्षण और इससे सम्बद्ध पहलुओं, विशेषकर आरक्षण की समीक्षा, बिहार में महिला सशक्तीकरण में आरक्षण की भूमिका, अल्पसंख्यकों की िस्थति, बढ़ती हुई असहिष्णुता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शिक्षा का अधिकार अधिनियम और इसका बिहार में क्रियान्वयन,सोशल मीडिया की भूमिका, बीफ-बैन,धर्मांतरण आदि टाॅपिक हाल-फ़िलहाल चर्चा में रहे हैं जिन्हें विशेष रूप से तैयार करने की ज़रूरत है।
सरकार के विभिन्न अंगों में विधायिका से अध्यादेश,धनविधेयक, संयुक्त विधेयक, विपक्षी दल के नेता, राज्यसभा का औचित्य और प्रासंगिकता, संसदीय गतिरोध, संसदीय-सुधार: विशेष रूप से राज्यसभा-सुधार आदि टाॅपिक महत्वपूर्ण हैं।
जहाँ तक न्यायपालिका का प्रश्न है, न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित विवाद, कालेजियम व्यवस्था, राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग और इसको लेकर न्यायपालिका-विधायिका टकराव आदि महत्वपूर्ण हैं।
जहाँ तक बिहार की राजनीति, मतदान-आचरण और चुनाव-सुधार का प्रश्न है, तो चुनावी आचार संहिता, हालिया सम्पन्न बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का विश्लेषण,राजनीति का अपराधीकरण, भारत-सह-बिहार की राजनीति में धर्म-जाति- लिंग-भाषा, धनबल,सोशल मीडिया और तकनीक की भूमिका तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव को सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग एवं ब्यूरोक्रेसी की भूमिका आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाने की संभावना है।
संघ-राज्य संबंध वाले खंड से सहकारी संघवाद, प्रतिस्पर्धी संघवाद, योजना आयोग-नीति आयोग-चौदहवें वित्त आयोग के आलोक में संघ-राज्य संबंध, राज्यपाल की नियुक्ति-स्थानांतरण-बर्खास्तगी से संबंधित विवाद, आपातकालीन प्रावधान आदि महत्वपूर्ण टाॅपिक हैं। इसके अलावा स्थानीय संस्थाएँ एवं राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक समावेशन में इसकी भूमिका के साथ-साथ हाल में न्यूनतम शैक्षिक एवं स्वच्छता मानदंड के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण है।
स्रोत-सामग्री:
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१.समाचार-पत्र
२.मैगजीन: प्रतियोगिता दर्पण 
फ्रंटलाइन
इंडिया टुडे
३. सार्थक बीपीएससी स्पेशल: 
कुमार सर्वेश एवं अन्य

5 comments:

  1. sir ye सार्थक बीपीएससी स्पेशल:
    कुमार सर्वेश एवं अन्य book kaha milega

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  2. sir delhi ke kis book stall par ye सार्थक बीपीएससी स्पेशल:
    कुमार सर्वेश एवं अन्य book milega

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  3. sir delhi ke kis book stall par ye सार्थक बीपीएससी स्पेशल:
    कुमार सर्वेश एवं अन्य book milega

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  4. sir really aapka ye effort bpsc mains ke student ke liye kafi fayademand hai. pls sir aap ye bataye ki aapke books kaha milenge.

    Regards
    Rahul

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  5. सर constable me polltical ke konse topic aayhe ghs plz bthaao

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